श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनंसचार विभाग में शुक्रवार को ‘डाटा जर्नलिज्म एंड वेरिफिकेशन, डिजिटल इंवेस्टिगेशन एंड ऑनलाइन वेरिफिकेशन’ विषय पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। गूगल न्यूज इनशियेटिव ट्रेनिंग के इस कार्यक्रम में उपस्थित विवि के कुलपति प्रो एसके सिंह ने कहा कि आज सोसाइटी में फेक न्यूज एक समस्या बनकर उभरी है। फेक न्यूज सामाजिक नींव को कमजोर करते हुए सामाजिक चर्चा को विकृत करती है। यह आपकी अविश्वास को बढ़ावा देती है। ऐसे में समाज को फेक न्यूज के प्रति सर्तक रहने की जरूरत है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में यह केवल मीडिया का नहीं बल्कि जेनरल इंटरेस्ट का सबजेक्ट हो गया है।
कुलसचिव डॉ. सौरभ कुमार शर्मा ने कहा कि आज पत्रकारिता ऊंचे स्तर तक पहुंच गई है। इस डिजिटल युग में पत्रकार को दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक समाचार पहुंचाने कोशिश करनी चाहिए। तमाम नकारात्मक परिस्थितियों के बीच आपक सत्य आचरण के पत्रकार बनें और आपके कलम में सत्य दिखाने की ताकत होनी चाहिए।
विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने फेक न्यूज और डीप फेक न्यूज के दुष्प्रभावों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि यह समाज के बीच गंभीर खतरे को जन्म दिया है। फेक न्यूज के माध्यम से न केवल लोगों का चरित्र हनन किया जा रहा है बल्कि इसके सहारे भ्रामक दुष्प्रचार भी किया जा रहा है। फेक न्यूज और वीडियो से हिंसा फैलाने के प्रयास हो रहे हैं जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
जीएनआई इंडिया ट्रेनिंग नेटवर्क के ट्रेनर विचित्रानंद पंडा ने कहा कि सारे टूल्स और टेक्निक आपके मदद के लिए हैं। यह आपके पूरे काम नहीं कर सकते। श्री पंडा ने बताया कि आज डेटा सभी जगह पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इस डाटा को सरल कर न्यूज में अधिक से प्रयोग किया जाना चाहिए पर इस डाटा का वेरिफिकेशन और इंवेस्टिगेशन भी जरूरी है। हमें मिस इंर्फोमेशन और डिस इंर्फोमेशन में अंतर समझना होगा। हमें जानबूझकर फेक न्यूज फैलाने से बचना चाहिए। हम तकनीक के सहारे किसी भी फेक न्यूज को आसानी से जांच सकते हैं।
कार्यशाला के दौरान श्री पंडा ने फेक न्यूज व वीडियो की सत्यता जांचने के टिप्स दिए। साथ चुनावी डेटा से खबर बनाने के तकनीक बताए। कार्यक्रम में पत्रकारिता एवं आईटी डिपार्टमेंट के स्टूडेंट्स उपस्थित थे।