सीएम भूपेश ने की सतनामी समाज बहुल हर विकासखण्ड में मॉडल जैतखाम के निर्माण की घोषणा
CM Bhupesh announced the construction of model Jaitkham in every development block dominated by Satnami community
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को राजधानी रायपुर स्थित शहीद स्मारक भवन में आयोजित मिनीमाता स्मृति दिवस और प्रतिभा सम्मान समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन गुरु घासीदास साहित्य और संस्कृति अकादमी, राजश्री सद्भावना समिति एवम समस्त सतनामी समाज रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इस दौरान सीएम बघेल ने सतनामी समाज बहुल हर विकासखण्ड में मॉडल जैतखाम के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम में सामाजिक उत्थान की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सतनामी समाज के 11 महिलाओं को प्रतीक स्वरूप सम्मानित भी किया। साथ ही उन्होंने गुरू घासीदास साहित्य एवम संस्कृति अकादमी के नवनिर्वाचित सदस्यों को पद और कर्तव्य निष्ठा की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने मौके पर अकादमी के साहित्य प्रकाशन का विमोचन भी किया।
सीएम बघेल ने कार्यक्रम में पूर्व सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए शोषण, भेदभाव और अत्याचार से मुक्त और समतामूलक समाज के निर्माण में उनका योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने समाज की उन्नति तथा विकास के लिए निरंतर कार्य किया। मिनीमाता छत्तीसगढ़ की पहली महिला थी, जो सांसद बनी थी। वर्ष 1952 से 1972 तक सारंगढ़, महासमुंद और जांजगीर से वे सांसद रही। उन्होंने इस दौरान समाज की उन्नति के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कार्य करती रहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिनीमाता ने अपना राजनीतिक जीवन शुरू होने के बाद सामाजिक उत्थान काम और तेज कर दिया। जिन बुराईयों और विसंगतियों को वे बचपन से देखती आई थीं, उन्हें मिटाने के लिए अब उनके पास लोकतंत्र और संविधान की ताकत भी थी। छुआछूत, नारी-उत्थान, श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में मिनीमाता ने अद्वितीय कार्य किए। लोक सभा में अस्पृश्यता निवारण विधेयक पारित कराने में मिनी माता के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने कहा कि, मिनीमाता जिस तरह के समाज के निर्माण का सपना देख रही थीं, असल में वह हर छत्तीसगढ़िया का सपना था। पिछले पौने पांच वर्षों से हम लोग हमारी पुरखिन मिनीमाता और हमारे तमाम पुरखों के सपनों के छत्तीसगढ़ का निर्माण करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने संबोधित करते हुए कहा कि मिनीमाता का पूरा जीवन समाज के शोषित और वंचित लोगों की भलाई के लिए समर्पित रहा। इस दौरान राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. महंत रामसुंदर दास, अकादमी के अध्यक्ष केपी खांडे, संरक्षक शकुन डहरिया और समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।