568 संविदा स्वास्थ्यकर्मियों पर गिरी गाज, कलेक्टर ने किया बर्खास्त
568 contract health workers fell, the collector dismissed
कांकेर। जिले में हड़ताल पर गए 568 संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। दो बार नोटिस देने के बाद भी काम पर नहीं लौटने पर कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला ने इन संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है।
दरअसल, स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सभी कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए थे। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में स्वास्थ्य विभाग के एएनएम, एमपीडब्ल्यू, नर्सिंग संवर्ग कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर की जाए, चिकित्सकों के लंबित वेतनमान, भत्ते एवं स्टाइपेंड प्रदान किये जायें। मुख्यमंत्री की ओर से घोषित विशेष कोरोना भत्ता प्रदान किया जाए, अस्पताल में कार्य के दौरान डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ के साथ होने वाली हिंसा पर रोक लगाने को लेकर कड़े कदम उठाए जाने जैसी मांगे शामिल हैं।
वहीं, कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही थी। मरीजों को परेशानी हो रही थी। नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखकर प्रशासन ने दो बार काम पर लौटने नोटिस जारी किया था। बावजूद इसके कर्मचारी काम पर नहीं लौटे। इस पर कलेक्टर शुक्ला ने 568 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है।
कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला का कहना है कि स्वास्थ्य सेवा बेहद आवश्यक सेवा में से एक है। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। जिले के बहुत से दूरस्थ अंचल है और इनमें स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही ठीक नहीं इसलिए यह कार्रवाई की गई है।