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राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित हुए शिक्षक कृष्णपाल राणा

Teacher Krishnapal Rana honored with Governor's Award

कांकेर। शिक्षक कृष्णपाल राणा को शिक्षा, समाजसेवा, साहित्य, लोक-संस्कृति की संरक्षण और विभिन्न नवाचार कार्य के लिए मंगलवार को शिक्षक दिवस पर राजभवन रायपुर में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर की ओर से राज्यपाल पुरस्कार से नवाजा गया। कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश में स्कूल कॉलेज बंद थी। अबूझमाड़ के तलहटी श्रेत्र में न तो किसी के पास एंड्रॉयड स्मार्टफोन था और न ही नेटवर्क था। ऐसे समय में उफनती नदी पर लकड़ी से बनी डोंगी में पार कर शिक्षक कृष्णपाल राणा ने छग में सर्व प्रथम आफलाइन मोहल्ला क्लास लगाया गया। कोरोना के दूसरे लहर के दौरान पुनः सभी स्कूल बंद हुआ। शिक्षक राणा ने प्रिंट रीच गांव, टोला के घरों के दीवारों पर बच्चों के लिए पाठ्य सामग्री लिखा गया। शिक्षक की ओर से बच्चों को पढ़ाई कराने वनों के महुआ, चार, आम ,इमली ,तेंदु आदि पेड़ों में पाठ्य सामग्री लगाकर वनों में भी शिक्षा उपलब्ध कराया गया।

शिक्षकीय कार्य के साथ-साथ विगत कई वर्षों से समाज के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर समाज सेवा युवा वर्ग के लिए पूरे बस्तर संभाग में विभिन्न स्थलों पर कैरियर मार्गदर्शन रोजगार स्वरोजगार कौशल विकास प्रशिक्षण आधुनिक खेती प्रतियोगी परीक्षा उच्च शिक्षा लोक संस्कृति के संरक्षण प्रशासनिक पदों ,10वीं 12वीं स्नातक, स्नातकोत्तर, प्रतियोगी परीक्षा, व्यवसायिक परीक्षा, समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को प्रतिभा सम्मान देकर सम्मानित कर और युवा वर्ग को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ने निरंतर प्रयास करते हैं। साथ ही महिला सशक्तिकरण, रचनात्मक कार्य, आदिम जनजाति शोधकार्य, सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्र में निरंतर नवाचार कर उत्कृष्ट योगदान दिया जा रहा है। कबाड़ से जुगाड़ के तहत वेस्टेज सामग्रियों से सन 2016 से वर्तमान तक बहुत शालाओं में विभिन्न सामग्री और खिलौने सहायक सामग्रियों का निर्माण कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर असम, दिल्ली, उड़ीसा, राजस्थान में प्रदर्शन किया गया। लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए विभिन्न लेख वीडियो सोशल मीडिया पत्र-पत्रिका विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से संरक्षण करने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। इनकी ओर से लिखी गई पुस्तक का विमोचन छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल अनुसूईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किया। इस उपलब्धि के कारण कृष्णपाल राणा को मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण 2021 ज्ञानदीप पुरस्कार से सम्मानित किया गया जोकि समाज और शिक्षा जगत के लिए गौरव का विषय है। इन्हें इनकी कार्य के लिए ब्लाक, जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सम्मान मिल चुका है। सन 2008 से अब तक विकासखण्ड स्तर पर हर शासकीय कार्यक्रम में सफलतापूर्वक मंच का संचालन किया जा रहा है। विगत 15 वर्षों से विकासखण्ड स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स का कार्य किया जा रहा है। इनके अलावा साहित्य के क्षेत्र में 10 से अधिक प्रकाशित कृतियां में लेखक और सह-लेखक के रूप में सहभागिता निभाई गई है। छत्तीसगढ़ में किसानों और शासकीय प्रयोजनों के लिए 300 से अधिक बोर खनन के लिए निशुल्क सफल पानी चेक किया जा चुका है। शिक्षा विभाग की ओर से प्रकाशित शिक्षा के गोठ मासिक पत्रिका में तीन बार स्थान प्राप्त हो चुका है। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के बेबसाइड में हमारे नायक में स्थान प्राप्त किया जा चुका है।

पढ़ाई जीवन बहुत संघर्ष पूर्ण रहा
कृष्णपाल राणा का पढ़ाई जीवन बहुत संघर्ष पूर्ण रहा है। सुविधाओं के अभाव में प्रारंभिक शिक्षा बारदा गांव के शासकीय स्कूल से प्राप्त करने के बाद 10वीं तक छात्रावास में रहकर पखांजूर में पढ़ाई किया। 11वीं, 12वीं के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं रहने के कारण प्रतिदिन 30 किमी सायकल से आवागमन कर स्कूल तक पहुंचते थे। गणित विषय पर स्नातक और स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र में कांकेर में छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर शासकीय शिक्षक कर्मी के पद पर आसीन हुए। वर्तमान में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पीव्ही 61 विकासखण्ड कोयलीबेड़ा जिला उत्तर बस्तर कांकेर छत्तीसगढ़ में कार्यरत हैं।

ये रहे मार्गदर्शक
कृष्णपाल राणा ने अपनी इस उपलब्धि पर अपने माता-पिता स्व. विरेन्द्र कुमार राणा, दसमती राणा और दादा सदाराम राणा (92), कोयलीबेड़ा जनपद पंचायत के प्रथम अध्यक्ष और स्व. मेहताब सिंह राणा को जिन्होंने मुझे आर्थिक और संसाधन के अभाव में इस मुकाम तक पहुंचाया और परिवार, समाज, सभी गुरुजनों, मित्रों के अलावा विधायक अनूप नाग, कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला, आईएएस पीएस एल्मा, सुमित अग्रवाल सीईओ, कांति नाग सदस्य छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग, भुवन जैन डीईओ, दिनेश नाग डीएमसी, ए. एस. पैकरा संयुक्त कलेक्टर, धनंजय नेताम संयुक्त कलेक्टर, केजूराम सिन्हा बीईओ, दामेसाय बघेल बीआरसी, निताई पाल, अरूण कीर्तनिया, अजय सेन, कविन्द्र सेन, हेमंत वैध, गजाधर जैन, प्रकाश सेन सहायक संचालक, लक्ष्मण कावड़े सहायक संचालक, भोलाप्रसाद ठाकुर, स्वदेश शुक्ला, हेमेंद साहसी, डी. के. शील, संतोष जायसवाल, कृष्णेन्दू आईच, गणेश दास, बलविंदर कौर, तपन राय, बैजूराम पावे, बिप्लब बनर्जी, अशोक टांडिया, सोपसिंह नेताम, श्यामलाल दुग्गा, सोमारू गावड़े, शिवकुमार पात्र, लतेलराम नाईक, विरेन्द्र चनाप, देवेश सुर्यवंशी, भागेश्वर पात्र , अशोक मृधा, प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी पत्रकार साथी और सभी प्रेरणास्रोत जनों को माना है। शिक्षक के इस उपलब्धि पर हरीश नेताम, सदेसिंह शोरी, दिलीप बघेल, हीरालाल मांझी, किशोर धनेलिया, लोकनाथ गागड़ा, बहादुर देहारी, विश्वनाथ मांझी, रूपेन्द्र मांझी, रंजीत कर, परिमल राय, अजीत ठाकुर, रामभूवन वर्मा, गोविंद बघेल, कमल पदमाकर, भागेश्वर पात्र, भूनेश्वरी वैध, गणेश्वरी राणा, लता बघेल, हेमलता गजेन्द्र, पुनऊ समरथ, सरिन्द समरथ , अरूण रावटे, भुवनबती बघेल, अरूण बघेल , तारक दास, गोविंद देहारी, संतेष बघेल, नरेश साहू, उमा शील और समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं ने बधाई दी।

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