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छत्तीसगढ़ में महिलाएं लिख रहीं आत्मनिर्भरता की कहानी, समूह की महिलाओं ने अंडा बेचकर कमाएं 3 लाख रुपए से ज्यादा

Women are writing the story of self-reliance in Chhattisgarh, the women of the group earned more than Rs 3 lakh by selling eggs

कांकेर। महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क ‘‘रीपा’’ अंतर्गत कांकेर जिले में 14 रीपा केन्द्रों की स्थापना की गई है। इसमें विभिन्न औद्योगिक गतिविधियां जैसे-राईस मिल, फ्लाई एष निर्माण, प्रिंटिंगबॉयडिंग और लघु वनोपज प्रसंस्करण इत्यादि स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार को उपलब्ध हो तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।

कांकेर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बेवरती रीपा में अण्डा उत्पादन इकाई संचालित की जा रही है। इसका संचालन जय बालाजी स्व-सहायता समूह की महिलाओं की ओर से किया जा रहा है। उन्हें कृषि विज्ञान केन्द्र, पशुधन विकास विभाग और आरसेटी से प्रशिक्षण प्रदाय किया गया है। समूह की महिलाओं की ओर से अब तक 3 लाख 29 हजार 500 रुपए का अंडा का विक्रय कर आमदनी अर्जित की गई है। उत्पादित अंडा को समूह की महिलाओं की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि बच्चे स्वस्थ्य और सुपोषित रहें।

इस प्रकार महिलाएं आत्मनिर्भर होने के साथ ही कुपोषण अभियान में सहयोग दे रही हैं। समूह की अध्यक्ष इंदू यादव ने बताया कि अब तक कुल 65 हजार 910 अण्डों का विक्रय बाजार और आंगनबाड़ी केन्द्रों में किया गया। इससे 3 लाख 29 हजार 500 रुपए की आमदनी प्राप्त हुआ है। रीपा से आंगनबाड़ी तक अण्डा पहुंचाने के लिए ई-रिक्शा की मांग की गई थी, जिस पर प्रशासन की ओर से ई-रिक्शा दिया गया है। इससे रीपा अंतर्गत निर्मित अन्य उत्पादों को परिवहन में सुविधा हो रही है। गोठान में समूह की ओर से वर्मी खाद का निर्माण भी किया जा रहा है। इसमें अभी तक कुल 902 क्विंटल खाद का विक्रय कर जिम्मेदारी स्व-सहायता समूह की ओर से 3 लाख 35 हजार 400 रुपए की आय प्राप्त की गई। बेवरती रीपा के कुल 4 समूह और युवा कार्यरत हैं जो विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जुड़कर रोजगार प्राप्त कर रहें हैं।

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